फरहान अख्तर ने 'भाग मिल्खा भाग' के लिए अपने प्रोसेस को किया याद! कहा 'ट्रेवर जोन्स के थीम ने मुझे वहां पहुंचाया!'

फरहान ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया पर "भाग मिल्खा भाग" के फाइनल रेसिंग सीन की झलक शेयर की है।  इस सीन को उनके एक खास तरीके से एडिट किया है, जिसमें ट्रेवर जोन्स के वो ट्यून को इस्तमाल किया गया है,

फरहान अख्तर ने 'भाग मिल्खा भाग' के लिए अपने प्रोसेस को किया याद! कहा 'ट्रेवर जोन्स के थीम ने मुझे वहां पहुंचाया!'
फरहान अख्तर ने 'भाग मिल्खा भाग' के लिए अपने प्रोसेस को किया याद! कहा 'ट्रेवर जोन्स के थीम ने मुझे वहां पहुंचाया!'
 
फरहान अख्तर ने 'भाग मिल्खा भाग' के लिए ट्रेवर जोन्स की धुन को बताया किरदार में ढलने की कुंजी! अपनी नेक्स्ट "120 बहादुर" पर भी की बात
 
फरहान अख्तर एक मल्टी-टैलेंटेड एक्टर हैं, जो हमेशा स्क्रीन पर कमाल करते हैं। उन्होंने कई सुपरहिट फिल्म दी हैं, लेकिन "भाग मिल्खा भाग" में मिल्खा सिंह का उनका किरदार सबसे अलग और खास है, जिसे फिल्म में साफ तौर से देखा जाता है। जब भी हर अभिनेता अपने किरदार की साइकोलॉजी समझता है तो एक प्रक्रिया से गुजरता है, ठीक इसी तरह से ट्रेवर जोन्स के एक ट्यून ने फरहान को मिल्खा सिंह के किरदार को उतरने में मदद की।
 
फरहान ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया पर "भाग मिल्खा भाग" के फाइनल रेसिंग सीन की झलक शेयर की है।  इस सीन को उनके एक खास तरीके से एडिट किया है, जिसमें ट्रेवर जोन्स के वो ट्यून को इस्तमाल किया गया है, जो मिल्खा सिंह के किरदार को निभाने के लिए वो अक्सर सुना करते थे। अपने बात को कैप्शन के जरिए रखते हुए उन्होंने लिखा है:
 
 
“यहाँ जो कुछ हुआ, उससे मैं हैरान हूँ, और मुझे इसे आपके साथ शेयर करना था। मेरे प्रोसेस का एक हिस्सा (कुछ किरदारों के साथ) संगीत की एक प्लेलिस्ट बनाना है जो मुझे फिल्म के मेन थीम से जुड़ने में मदद करता है और जिस किरदार को मैं निभा रहा हूँ उसकी मानसिकता को समझने में मदद करता है। "भाग मिल्खा भाग" के मेकिंग के दौरान, ट्रेवर जोन्स की यह धुन ही वह धुन बन गई जिसने मुझे किरदार में ढलने में मदद की। यह ड्रामेटिक और कुछ हद तक गंभीर टोंस से शुरू होता है, उसके बाद एक फॉक-स्टाइल की वायलिन धुन आती है, जो बार-बार दोहराई जाती है, जो आपको सोचने पर मजबूर करती है, "यह कहाँ जा रहा है?" लेकिन अगर आप ध्यान से सुनेंगे, तो आप देखेंगे कि धीरे-धीरे कुछ बन रहा है, जो आखिर में सभी तनाव और उम्मीदों को दूर कर देता है - जीत की थीम। मेरे लिए, यह पीस ऑफ म्यूजिक मिल्खा जी के जीवन को पूरी तरह से दर्शाता है। मैंने फिल्म बनाते समय इसे लगातार अपने हेडफोन पर सुना। एडिटर को नहीं पता था, और बैकग्राउंड स्कोर बनाने वालों को भी नहीं पता था। यह सिर्फ राकेश को ही पता था। कल, लद्दाख में सेट पर, मैंने क्रू के शॉट सेट करने का इंतज़ार करते हुए थीम सुनी और सोचा कि अगर यह थीम आखिरी रेस सीन में जोड़ दी जाए तो कैसा होगा। मैंने इसे एक झटके में आज़माया, और जो हुआ वह सिर्फ जादू था। एडिट कमाल का है। एंजॉय करें।”
 
द थीम कंपोजर ट्रेवर जोन्स के द लास्ट ऑफ द मोहिकन्स से लिया गया 'प्रोमेंटरी' है।
 
फरहान के इस प्रोसेस पर नज़र डालने से उनके फैंस को उनके बारे में एक दिलचस्प जानकारी मिलती है। मिल्खा सिंह की भूमिका निभाने के लिए उनका समर्पण उनकी परफॉर्मेंस में साफ नजर आया था, लेकिन यह कहानी उनके किरदार से जुड़ने के उनके अनोखे तरीके को और भी ज्यादा दर्शाती है।
 
वर्क फ्रंट पर फरहान अपने अगले बड़े प्रोजेक्ट "120 बहादुर" की भी तैयारी कर रहे हैं। रेजांग ला की लड़ाई पर आधारित इस फिल्म में वे मेजर शैतान सिंह पीवीसी की भूमिका में नजर आएंगे। अपनी भूमिकाओं को गहराई से समझने की क्षमता के लिए जाने जानें वाले फरहान की "120 बहादुर" उनकी एक और फिल्म बनाने जा रही है जो किरदारों पर आधारित कहानियां बताने के लिए उनके समर्पण को दर्शाती है।
 
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