मुंबई : ओम् त्रिनेत्र फ़िल्मस और आर्टवर्स स्टूडियोज के द्वारा मुंबई में फ़िल्म “एक्सीडेंट ऑर कोंसिपेंसी गोधरा” टीज़र लांच किया गया। इस अवसर पर फ़िल्म के निर्माता बी जे पुरोहित निर्देशक एम के शिवाक्ष उपस्थित रहे । बॉलीवुड में पिछले कुछ समय से रियल लाइफ इवेंट्स पर नया सिनेमा बन रहा हैं जिस पर कभी फ़िल्म मेकर बात तक नहीं करते थे कश्मीर फ़ाइल हो हालिया रिलीज़ केरला स्टोरी जैसी सत्य घटनाओं पर फिल्मकारों ने साहस के साथ फिल्में बनाई और दर्शकों ने पसंद भी किया । अब युवा निर्देशक एम के शिवाक्ष भी एक ऐसे ही सत्य घटना पर फ़िल्म बना रहे हैं जिसने पिछले दो दशक में देश की राजनीति की बिसात बदल दी। निर्माता बी जे पुरोहित की फ़िल्म “एक्सीडेंट ऑर कोंसिपेंसी गोधरा” एक ऐसी ही फ़िल्म है जो गोधरा में हुए दंगे की पृष्ठभूमि की परतों को दिखाएगी ।
फ़िल्म का अनाउंसमेंट टीज़र लाँच किया गया सबसे ख़ास बात टीज़र में यह हैकी फ़िल्म किसी फिक्शन पर आधारित नहीं हैं या किसी तरह की प्रोपेगेंडा फ़िल्म नहीं हैं बल्कि गोधरा कांड की जाँच के लिए गठित की गयी नानावटी जाँच आयोग की जारी की गयी रिपोर्ट पर आधारित हैं साथ ही निर्माता यह बताना चहाते हैं की सच्चाई क्या थी ? गोधरा में हुए ट्रेन अग्निकांड की कोई बैक स्टोरी थी क्या एक ही दिन आवेश में आकर कुछ लोगों ने ट्रेन में आग लगा दी थी या फिर यह एक पूर्व नियोजित साजिश थी
निर्माता बी जे पुरोहित बताते हैं ” लोग गोधरा कांड को 2002 में हुए हिन्दू और मुस्लिम दंगे से जानते हैं। जबकि हिन्दू मुस्लिम दंगो को पोस्ट गोधरा के अंतर्गत देखा जाता हैं। तो गोधरा कांड क्या है ? क्या है प्री गोधरा ? पोस्ट गोधरा को लोग प्री गोधरा क्यों समझते हैं ? ऐसा कौनसा सच हैं जिसे गुजरात दंगों तले दबाया गया हैं ? ऐसा करने के पीछे किस प्रकार की मानसिकता निहित हैं ? औऱ गोधरा कांड की सच्चाई को लोगो के सामने दुर्घटना या त्वरित झगड़ा साबित करके क्या छुपाया जाता हैं ? इस कांड में मारे गए 59 लोगों की वेदना जनमानस तक क्यों नही पहुँचने दिया जाता ? यह फ़िल्म इन्ही सवालों के जवाब देते हुए 27 फरवरी 2002 को गोधरा स्टेशन पर जो घटित हुआ, उसके पीछे की नियोजित साज़िश पर प्रकाश डालती हैं। फ़िल्म नानावटी शाह मेहता कमीशन के माध्यम से इस घटना के हर पहलू पर विचार करती हैं। कमीशन की कार्यवाही में जो तथ्य और जानकारियां सामने आई, उन्हें सिनेमा के माध्यम से दर्शको के सामने रखती हैं।
साथ ही फ़िल्म यह भी समझाती हैं कि गोधरा कांड हिन्दुओ को आतंकित करने और अन्य राजद्रोह गतिविधियों का जवाब देने के लिए की गई थी। इसे इंटरनेट और मीडिया ने किस प्रकार तोड़ मरोड़कर जनता के सामने रखा हैं, उससे परदा उठाती हैं।
निर्देशक एम के शिवाक्ष बताते हैं “एक्सीडेंट ऑर कोंसिपेंसी गोधरा” इस फ़िल्म पर हम पिछले पांच वर्ष से कार्य कर रहे हैं यह इसलिए बताना चाहते हैं की इन वर्षों में रिसर्च में बहुत हार्ड वर्क किया गया हैं इसीलिए इस फ़िल्म को हम आज बना रहे हैं यह कहना ग़लत होगा ट्रेन पर हुए हमले की योजना पूर्व निर्धारित थी या नहीं, अगर पूर्व निर्धारित थी तो वह किस स्तर पर की गई; इन सवालों के जवाब उसे मिलते हैं। वह अपनी रिसर्च पूरी के यूनिवर्सिटी पहुँचता हैं, उसके बाद वह अपनी मानसिकता की छलनी के माध्यम सें गोधरा कांड की सूचनाओ को किस प्रकार सभी के सामने रखता है, यह फ़िल्म हैं “एक्सीडेंट ऑर कोंसिपेंसी गोधरा”।