शबाना आज़मी ने किया मदरहुड पर बेस्ड 'द ओल्डेस्ट लव स्टोरी ' बुक को लॉन्च

शबाना आज़मी अपनी माँ शौकत आज़मी के बारे में कहती हैं," वो एक बहुत अच्छी महिला , एक माँ, एक बीवी थी। उनकी सबसे बड़ी खासियत थी कि वो अपने प्रोफेशनल लाइफ के साथ -साथ अपने पर्सनल लाइफ में बराबर तालमेल रखती थी। और ये मैं हमेशा उनसे सीखती हु। पर वो बॉलीवुड की निरूपा रॉय टाइप की माँ नही थी वो बहुत ही कठोर और बेबाक तरीके से अपनी बात को रखती थी।

शबाना आज़मी ने किया मदरहुड पर बेस्ड 'द ओल्डेस्ट लव स्टोरी ' बुक को लॉन्च
बॉलीवुड लीजेंड एक्ट्रेस शबाना आज़मी आजकल भले ही बड़े पर्दे से कुछ वक्त के लिए नदारद हो लेकिन बात जब माँ और माँ के बारे में कुछ कहने की हो ,जब उनकी अच्छाइयों को और माँ के साथ बिताए हुए यादों को साझा करने की हो तब शबाना आजमी उस पल को बेहद हसीन मानती हैं। जी हां, हाल ही में साड़ी पहने , बालो में फूल लगाए, जब शबाना आजमी ' द ओल्डेस्ट लव स्टोरी' बुक के लांच पर मुख्य अतिथि बनकर आयी तब सब बस उन्हें देखते रह गए। 
     
शबाना आज़मी ने मातृत्व के विषय को दर्शाने वाले असाधारण निबंधों के संग्रहों का शुभारंभ किया। इस किताब में शबाना आज़मी ने अपनी माँ से उनके रिश्तों की नायाब किस्सों के बारे में निबंन्ध साझा किया हैं।अजय मागो , शांतनु राय चौधुरी , मैथिली राव , रिंकी रॉय भट्टाचार्य के साथ मिलकर  बांद्रा के टाइटल वेव्स में 'द ओल्डेस्ट लव स्टोरी' बुक का लांच किया। 
   
शबाना आज़मी अपनी माँ शौकत आज़मी के बारे में कहती हैं," वो एक बहुत अच्छी महिला , एक माँ, एक बीवी थी। उनकी सबसे बड़ी खासियत थी कि वो अपने प्रोफेशनल लाइफ के साथ -साथ अपने पर्सनल लाइफ में बराबर तालमेल रखती थी। और ये मैं हमेशा उनसे सीखती हु। पर वो बॉलीवुड की निरूपा रॉय टाइप की माँ नही थी वो बहुत ही कठोर और बेबाक तरीके से अपनी बात को रखती थी। वो कब आपको जमीन पर उतर देंगी पता भी नही चलेगा। एक बार का किस्सा हैं ।मेरी पहली फ़िल्म अंकुर रिलीज हुई थी। और मेरी माँ ,मुझसे आगे वाली कतार में बैठी थी। फ़िल्म देखते हुए उन्होंने मुझे कहा कि तुम एक बहुत अच्छी एक्ट्रेस हो, मुझे गर्व हैं तुमपर, ये फ़िल्म बहुत अच्छी हैं । मेरे अगल बगल के लोग देखकर सोचने लगे होंगे कि ये सब क्या चल रहा हैं। माँ की बात सुन कर मैं बहुत कॉंफिडेंट हो गयी और जब 2 महीने बाद मेरी दूसरी फिल्म ' फासला’ आयी तब वो बोली कि शबाना ये इतनी बेहूदी फ़िल्म हैं और तुमने इतना बेहूदा काम किया हैं।अगर ये फ़िल्म तुमने मुझे पहले दिखा दी होती तो मैं तुम्हारी शादी किसी लगड़े लूले से करा देती लेकिन फ़िल्म इंडस्ट्री में नाजिल नही करती। ". 
     
इतना ही नही शबाना आज़मी ने इस किताब में बताया हैं कि कैसे 9 साल की उम्र में ये अपनी माँ शौकत आज़मी से बहुत बेरुखा बर्ताव करती थी। वो कहती हैं," एक वक्त ऐसा था जब मैं अक्सर बहुत बेरुखी से बर्ताव करती थी। तब एक बार मेरी माँ ने मुझे फ़ोन किया और कहा कि तुम ऐसा व्यवहार क्यों कर रही हो। तब मैंने उन्हें कहा कि मुझे लगता हैं कि आप मुझसे ज्यादा बाबा (उनके भाई) से ज्यादा प्यार करती हो। तब वो मुझे बोली कि देखो मैं तुम्हारी माँ होने के साथ -साथ एक इंसान भी हु। तुम्हारा स्वभाव बहुत ही बेरुखा और अप्रिय हैं और ये सब मुझे पसंद नही हैं। और तुम्हारा भाई, बहुत ही प्यार,अच्छे स्वभाव का हैं। इसीलिए मैं उससे अच्छा बर्ताव करती हूं। ये सब सुनकर  मैंने अपने बुरे बर्ताव को छोड़ दिया लेकिन अपनी माँ से कहा कि तुम 9 साल की छोटी बच्ची के साथ ऐसे कैसे बात कर सकती हो। तब वो बोली कि मै ये सब न देखती हूं और न ही सोचती हू। ".
 
शबाना आजमी आजकल के पेरेंट्स को सुझाव देना चाहती हैं जिनके बच्चे उनसे बहुत रुखा बर्ताव करते हैं उन्हें बस यही कहती हैं कि शौकत आज़मी को फॉलो करे।