फ़िल्म जेएनयू का टीज़र पोस्टर रिलीज, वैचारिक मतभेद पर आधारित ज्वलंत फ़िल्म 5 अप्रैल को सिनेमागृहों में होगी रिलीज़

पोस्टर अपने आप में एक विज़ुअल ज़रनी  है, जो विरोध के संकट में विश्वविद्यालय परिसर की अराजकता और हंगामे को दर्शाता है। उग्र असहमति की पृष्ठभूमि में, भगवा रंग में लिपटा भारत का छायाचित्र डरावने रूप में  उभर रहा है,

फ़िल्म जेएनयू का टीज़र पोस्टर रिलीज, वैचारिक मतभेद पर आधारित ज्वलंत फ़िल्म 5 अप्रैल को सिनेमागृहों में होगी रिलीज़
फ़िल्म जेएनयू का टीज़र पोस्टर रिलीज, वैचारिक मतभेद पर आधारित ज्वलंत फ़िल्म 5 अप्रैल को सिनेमागृहों में होगी रिलीज़
भारतीय फ़िल्मो की कहानियाँ तेज़ी से बदल रही हैं वास्तविक मुद्दों और घटनाओं पर फ़िल्म मेकर्स साहस के साथ दर्शकों के समक्ष अपनी फ़िल्में प्रस्तुत कर रहे हैं । पिछले कुछ सालो से देश के कई संस्थानों में विचारों के गहरे मतभेद  को देखा गया हैं यह मतभेद के चलते हुई घटनाओं को  देश की प्रमुख मीडिया में सुर्खियां भी बटोरी हैं  फ़िल्म "जहांगीर नेशनल यूनिवर्सिटी (जेएनयू)" असहमति की शक्ति और मानवीय भावना के बीच विचारों की लड़ाई पर आधारित हैं । फ़िल्म "जहांगीर नेशनल यूनिवर्सिटी (जेएनयू)" का  सनसनीखेज  टीज़र पोस्टर सोशल मीडिया पर जारी किया गया हैं जिसमें  हम देख सकते हैं कि भगवा रंग में भारत देश के नक्शे को पंजे के जकड़ कर रखा हैं और एक सवाल है  कि क्या एक शिक्षा संस्थान, यूनिवर्सिटी किसी देश को तोड़ सकता हैं ?
अपने टीज़र पोस्टर के अनावरण के साथ, फिल्म दर्शकों को एक ऐसी सिनेमाई दुनिया की पहली  झलक प्रस्तुत  करती है जहां विचारधारा के टकराव और निष्ठाओं का परीक्षण किया जाता है। पोस्टर अपने आप में एक विज़ुअल ज़रनी  है, जो विरोध के संकट में विश्वविद्यालय परिसर की अराजकता और हंगामे को दर्शाता है। उग्र असहमति की पृष्ठभूमि में, भगवा रंग में लिपटा भारत का छायाचित्र डरावने रूप में  उभर रहा है, यह नक्शा  देश की खंडित पहचान को सांकेतिक तरह से प्रस्तुत कर रहा हैं ।  टैगलाइन के साथ क्या एक शैक्षणिक संस्थान देश को तोड़ सकता है? यह एक बहुत ही गहरा सवाल है  
अपनी पहचान और मूल्यों से जूझ रहे राष्ट्र की पृष्ठभूमि में, जे.एन.यू. शिक्षा, राजनीति और विचारधारा के बीच अंतर्विरोध को प्रस्तुत करती  है। अपनी मनोरंजक कथा और सशक्त प्रदर्शन के साथ, यह फिल्म अन्य फिल्मों की तरह एक सिनेमाई अनुभव देने का वादा करती है, जो दर्शकों को असुविधाजनक सच्चाइयों का सामना करने और सार्थक संवाद में शामिल होने के लिए चुनौती देती है।
 
फ़िल्म की निर्मात्री प्रतिमा दत्ता ने कहा, 'जेएनयू यह एक फिल्म से ज्यादा कुछ है, जेएनयू एक देश में विरोध के स्वर का स्टेटमेंट  है, हम एक ऐसी फ़िल्म प्रस्तुत करना चाहते हैं  जो दर्शकों पर एक स्थायी प्रभाव छोड़े जो वास्तविक मुद्दे को प्रभावशाली तरीक़े से दर्शकों तक पहुँचाये । मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि हमने जेएनयू के वास्तविक तथ्यों को प्रदर्शित करने में सफलता हासिल की है। 
 
महाकाल मूवीज प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले निर्मित फ़िल्म जहांगीर नेशनल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) की निर्मात्री  प्रतिमा दत्ता और  निर्देशक विनय शर्मा हैं फ़िल्म में  उर्वशी रौतेला, पीयूष मिश्रा, रवि किशन,  सिद्धार्थ बोडके,विजय राज, रश्मी देसाई, अतुल पांडे, सोनाली सेगल जैसे प्रतिभाशाली अभिनेता हैं। यह फिल्म 5 अप्रैल 2024 को सिनेमा में रिलीज के लिए तैयार है।